2025 से नया Labour Code लागू होगा! अब मिलेगा 4 दिन का काम और 3 दिन की छुट्टी – जानिए ये नया नियम

Labour Code 2025 (लेबर कोड 2025) – काम के पुराने ढर्रे को अब अलविदा कहने का समय आ गया है। 2025 से भारत सरकार द्वारा लागू किए जाने वाले नए Labour Code के तहत कर्मचारियों को 4 दिन काम करने और 3 दिन छुट्टी पाने का विकल्प मिलेगा। यह बदलाव न सिर्फ नौकरीपेशा लोगों की ज़िंदगी को संतुलित बनाएगा बल्कि काम के तनाव को भी काफी हद तक कम करेगा। इस आर्टिकल में हम आपको इस नए कानून के हर पहलू को आसान भाषा में समझाएंगे, ताकि आप जान सकें कि ये बदलाव आपके लिए कैसे फायदेमंद है।

Labour Code 2025 क्या है?

नया लेबर कोड भारत सरकार द्वारा श्रमिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया एक समग्र कानून है, जिसमें पुराने 29 श्रम कानूनों को मिलाकर 4 नए कोड्स में बदला गया है। इसका उद्देश्य श्रमिकों को बेहतर वेतन, सुरक्षित कार्यस्थल, सामाजिक सुरक्षा और काम के घंटों में लचीलापन देना है। ये कोड हैं – वेज कोड, सोशल सिक्योरिटी कोड, इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड और ऑक्युपेशनल सेफ्टी एंड हेल्थ कोड। इससे कंपनियों को भी कामकाज आसान होगा और कर्मचारियों को भी अधिक पारदर्शिता और अधिकार मिलेंगे।

नया लेबर कोड दरअसल चार प्रमुख श्रम कानूनों को मिलाकर बनाया गया है:

  1. वेज कोड
  2. इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड
  3. सोशल सिक्योरिटी कोड
  4. ऑक्युपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशंस कोड

इनका मकसद है कर्मचारियों और नियोक्ताओं के बीच पारदर्शिता लाना, काम के घंटे तय करना, ओवरटाइम को स्पष्ट करना और वर्क-लाइफ बैलेंस को बेहतर बनाना।

4 दिन का काम और 3 दिन की छुट्टी: क्या है ये व्यवस्था?

4 दिन का काम और 3 दिन की छुट्टी की व्यवस्था का मतलब है कि कर्मचारी सप्ताह में सिर्फ 4 दिन काम करेंगे, लेकिन हर दिन 12 घंटे की शिफ्ट करनी होगी, जिससे कुल 48 घंटे का वीकली वर्क आवर पूरा हो सके। यह नियम पूरी तरह वैकल्पिक है, यानी कर्मचारी चाहें तो पारंपरिक 5 या 6 दिन का शेड्यूल भी चुन सकते हैं। इसका मकसद है लोगों को वर्क-लाइफ बैलेंस देना, ताकि वे परिवार, आराम और निजी विकास के लिए ज्यादा समय निकाल सकें।

सरकार ने नए कोड में यह व्यवस्था दी है कि कंपनियां अपने कर्मचारियों से हफ्ते में 4 दिन काम करवा सकती हैं, बशर्ते कि वे रोज़ 12 घंटे की शिफ्ट में काम करें। इसका मतलब यह है कि:

  • सप्ताह के कुल 48 घंटे काम करना अनिवार्य होगा
  • चाहे वह 6 दिन × 8 घंटे हो या 4 दिन × 12 घंटे
  • कर्मचारियों को अतिरिक्त छुट्टी देने की अनुमति होगी
उदाहरण:
कार्यदिवस दैनिक कार्य घंटे कुल साप्ताहिक घंटे छुट्टियां
6 दिन 8 घंटे 48 घंटे 1 दिन
5 दिन 9.6 घंटे 48 घंटे 2 दिन
4 दिन 12 घंटे 48 घंटे 3 दिन

लेबर कोड 2025 : कर्मचारियों के लिए फायदे

  • वर्क-लाइफ बैलेंस बेहतर होगा: लंबे वीकेंड्स से परिवार व खुद के लिए समय मिलेगा।
  • ट्रैवल का समय बचेगा: सप्ताह में कम बार ऑफिस आने-जाने से यात्रा का खर्च और समय दोनों बचेंगे।
  • मानसिक स्वास्थ्य में सुधार: 3 दिन का रेस्ट लंबे समय में तनाव कम कर सकता है।
  • फ्रीलांस या पार्ट टाइम काम के मौके: बाकी दिनों में लोग अन्य स्किल्स या फ्रीलांसिंग कर सकते हैं।
व्यक्तिगत अनुभव:

मेरे एक मित्र जो IT सेक्टर में हैं, उन्होंने अपनी कंपनी में 4-दिन वीक अपनाया है। उनका कहना है कि वे अब पहले से ज्यादा फोकस्ड रहते हैं और सोमवार को काम पर लौटना बोझ नहीं लगता। उन्होंने सप्ताह के तीन दिन परिवार, योग और पर्सनल डेवलपमेंट को देना शुरू किया है।

कंपनियों के लिए संभावित चुनौतियाँ

  • हर सेक्टर के लिए यह मॉडल कारगर नहीं हो सकता, खासकर मैन्युफैक्चरिंग या सर्विस इंडस्ट्री में।
  • 12 घंटे की शिफ्ट कर्मचारियों के लिए थकाऊ हो सकती है।
  • लॉन्ग शिफ्ट्स से प्रोडक्टिविटी पर असर पड़ सकता है।

कर्मचारियों को किन बातों का ध्यान रखना होगा?

  • नया नियम सिर्फ एक विकल्प है, बाध्यता नहीं। कर्मचारी चाहें तो पारंपरिक 6 दिन का वर्क वीक चुन सकते हैं।
  • ओवरटाइम, ब्रेक्स और सेफ्टी को लेकर कंपनियों की जिम्मेदारी बनी रहेगी।
  • एग्रीमेंट और नियमों को ध्यान से पढ़ें।

किन क्षेत्रों में यह व्यवस्था जल्दी लागू हो सकती है?

  • IT और कॉर्पोरेट कंपनियों में सबसे पहले इसका असर दिख सकता है
  • टेक्नोलॉजी, डिज़ाइन, मार्केटिंग जैसी स्किल-बेस्ड इंडस्ट्रीज़ में इसे जल्दी अपनाया जा सकता है
  • सरकारी क्षेत्रों में फिलहाल इस तरह के लचीलापन की संभावना कम

नया Labour Code कब से लागू होगा?

सरकार ने संकेत दिए हैं कि यह नया लेबर कोड 2025 की पहली तिमाही से पूरे देश में लागू किया जाएगा। कुछ राज्य इसमें थोड़ा समय ले सकते हैं, क्योंकि उन्हें अपने स्थानीय नियमों के अनुसार इसे एडजस्ट करना होगा।

इससे जुड़ी ज़रूरी बातें

  • पेंशन, ग्रेच्युटी और PF के नियमों में भी बदलाव होंगे।
  • छुट्टियों की गणना, हाज़िरी प्रणाली और कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स के नियम सख्त होंगे।
  • महिलाओं की सेफ्टी, हेल्थ और मैटरनिटी बेनिफिट्स को मजबूत किया जाएगा।

वास्तविक जीवन में बदलाव का असर

मुंबई की एक मल्टीनेशनल कंपनी “TechNova” ने इस व्यवस्था को ट्रायल बेसिस पर लागू किया है। HR हेड का कहना है कि “काम का बोझ नहीं बढ़ा, बल्कि कर्मचारियों की संतुष्टि बढ़ी है।” वहीं एक महिला कर्मचारी ने बताया कि “अब मैं हफ्ते में 3 दिन अपने बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम बिता पाती हूं, जो पहले कभी संभव नहीं था।”

2025 से लागू होने वाला नया Labour Code नौकरीपेशा लोगों के लिए एक नई सुबह लेकर आ रहा है। वर्क-लाइफ बैलेंस, मानसिक स्वास्थ्य और काम के लचीलेपन को ध्यान में रखते हुए यह नियम कई लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है। हालांकि, इसे पूरी तरह समझना और अपनाना दोनों ही जरूरी है ताकि इसका पूरा लाभ मिल सके।

नया लेबर कोड और 4 दिन काम व्यवस्था पर पूछे गए सवाल

प्रश्न 1: क्या सभी कंपनियों में 4 दिन का वर्क वीक अनिवार्य होगा?
नहीं, यह पूरी तरह से कंपनी और कर्मचारी की आपसी सहमति पर निर्भर करेगा।

प्रश्न 2: क्या इससे सैलरी पर कोई असर पड़ेगा?
नहीं, जब तक साप्ताहिक 48 घंटे पूरे होते हैं, सैलरी पर कोई असर नहीं होगा।

प्रश्न 3: अगर कोई कर्मचारी 12 घंटे काम नहीं करना चाहता तो क्या होगा?
उसके पास 5 या 6 दिन वर्क वीक का विकल्प होगा। यह बाध्यता नहीं है।

प्रश्न 4: क्या इससे छुट्टियों की संख्या घटेगी?
नहीं, अवकाश की पूर्व निर्धारित संख्या में कोई कटौती नहीं की जाएगी।

प्रश्न 5: क्या सभी राज्यों में एक साथ लागू होगा?
संभावना है कि राज्य अपनी सुविधा और नियमों के अनुसार इसे लागू करेंगे, इसलिए कुछ राज्यों में देरी हो सकती है।

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