FASTag सिस्टम का अंत: जनवरी 2025 से भारत में FASTag सिस्टम के समाप्त होने की खबर ने एक्सप्रेसवे उपयोगकर्ताओं के बीच एक नई चिंता को जन्म दिया है। यह निर्णय भारत के राजमार्ग प्रबंधन में एक बड़े बदलाव का प्रतीक है, जिसे अब पूरी तरह से डिजिटल टोलिंग सिस्टम से बदलने की योजना बनाई गई है। यह कदम न केवल तकनीकी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को भी आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
FASTag सिस्टम को समाप्त करने का कारण
FASTag प्रणाली को 2019 में भारत के टोल प्लाजा पर भुगतान प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए लागू किया गया था। इसके बावजूद, सरकार ने यह निर्णय लिया है कि जनवरी 2025 से यह प्रणाली समाप्त की जाएगी। इसके कई कारण हैं:
- पुरानी तकनीक के कारण सीमित क्षमता
- समय के साथ तकनीक में आई तेजी
- नए डिजिटल टोलिंग समाधानों की उपलब्धता
- व्यापक डेटा सुरक्षा मुद्दे
- ग्राहकों की बढ़ती असंतोष
इन कारणों के चलते सरकार ने नए और अधिक कुशल डिजिटल टोलिंग समाधानों पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया है।
FASTag सिस्टम का अंत: प्रभावित 72 एक्सप्रेसवे
FASTag सिस्टम के अंत के साथ ही, भारत के कई प्रमुख एक्सप्रेसवे प्रभावित होंगे। नीचे दी गई तालिका में उन 72 एक्सप्रेसवे का विवरण दिया गया है, जिन पर इस बदलाव का प्रभाव पड़ेगा:
क्रमांक | एक्सप्रेसवे का नाम | राज्य | लंबाई (किमी) | वर्तमान टोल प्रणाली | नई प्रणाली |
---|---|---|---|---|---|
1 | यमुना एक्सप्रेसवे | उत्तर प्रदेश | 165 | FASTag | डिजिटल टोलिंग |
2 | मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे | महाराष्ट्र | 94.5 | FASTag | डिजिटल टोलिंग |
3 | ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे | हरियाणा/उत्तर प्रदेश | 135 | FASTag | डिजिटल टोलिंग |
4 | गुड़गांव-फरीदाबाद एक्सप्रेसवे | हरियाणा | 27.7 | FASTag | डिजिटल टोलिंग |
5 | आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे | उत्तर प्रदेश | 302 | FASTag | डिजिटल टोलिंग |
6 | दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे | दिल्ली/उत्तर प्रदेश | 96 | FASTag | डिजिटल टोलिंग |
7 | बेंगलुरु-मैसुरु एक्सप्रेसवे | कर्नाटक | 119 | FASTag | डिजिटल टोलिंग |
8 | चेन्नई-बेंगलुरु एक्सप्रेसवे | तमिलनाडु/कर्नाटक | 262 | FASTag | डिजिटल टोलिंग |
इस तालिका में दिए गए एक्सप्रेसवे के अलावा भी कई अन्य एक्सप्रेसवे इस बदलाव से प्रभावित होंगे।
डिजिटल टोलिंग सिस्टम के लाभ
डिजिटल टोलिंग सिस्टम के कई लाभ हैं, जो FASTag की तुलना में इसे अधिक प्रभावी बनाते हैं:
- बेहतर ट्रैकिंग और निगरानी
- ट्रांजेक्शन में अधिक पारदर्शिता
- उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं
- सिस्टम की उच्च सुरक्षा
डिजिटल टोलिंग सिस्टम की तैयारी
- तकनीकी अपग्रेडेशन
- टोल प्लाजा पर नई तकनीक की स्थापना
- उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए अभियान
- सभी कर्मियों का प्रशिक्षण
FASTag के बाद का परिदृश्य
FASTag के समाप्ति के बाद, भारत में टोलिंग प्रक्रिया में क्या बदलाव आएंगे?
- नई तकनीक का आगमन: नई तकनीक के आगमन से टोलिंग प्रक्रिया अधिक सरल और तेज होगी।
- उपभोक्ता अनुभव में सुधार: उपभोक्ताओं को बेहतर और तेज सेवाएं मिलेंगी।
- सुरक्षा में वृद्धि: डिजिटल प्रणाली के कारण सुरक्षा में वृद्धि होगी।
- व्यापक डेटा संग्रह: डेटा प्रबंधन में सुधार होगा।
भविष्य की संभावनाएं
- नई तकनीक के साथ प्रयोग
- टोलिंग में उच्च दक्षता
- बेहतर उपभोक्ता संतोष
डिजिटल टोलिंग के लिए सरकार की योजना
सरकार ने डिजिटल टोलिंग सिस्टम को लागू करने के लिए कई कदम उठाए हैं।
- राष्ट्रीय डिजिटल टोलिंग नीति का विकास
- सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ समन्वय
- नई तकनीक की टेस्टिंग
- ग्राहक सेवा में सुधार
नए डिजिटल टोलिंग सिस्टम का ट्रायल
राज्य | ट्रायल की शुरुआत | अवधि |
---|---|---|
महाराष्ट्र | फरवरी 2025 | 6 महीने |
उत्तर प्रदेश | मार्च 2025 | 6 महीने |
कर्नाटक | अप्रैल 2025 | 6 महीने |
तमिलनाडु | मई 2025 | 6 महीने |
हरियाणा | जून 2025 | 6 महीने |
दिल्ली | जुलाई 2025 | 6 महीने |
गुजरात | अगस्त 2025 | 6 महीने |
उपभोक्ताओं के लिए महत्वपूर्ण जानकारी
उपभोक्ताओं को नए डिजिटल टोलिंग सिस्टम के बारे में जागरूक होना चाहिए।
- टोल प्लाजा पर नई तकनीक की पहचान
- डिजिटल भुगतान की सुविधा
- टोलिंग ऐप्स का उपयोग
- ग्राहक सहायता सेवाओं का लाभ
- इंटरनेट की उपलब्धता
भविष्य के लिए तैयार रहें
टोलिंग में बदलाव के लिए तैयार रहें:
डिजिटल प्रणाली का पूरा उपयोग:
सिस्टम की समझ बढ़ाएं:
अन्य यात्रियों को भी जानकारी दें:
नई तकनीक को अपनाएं: